भक्ति रचना भक्ति रचना
हारा मैं जब जब मेरे ईश्वर ने मुझे संभाला है, भटका मैं राहों में जब सही मार्ग दिखाया। हारा मैं जब जब मेरे ईश्वर ने मुझे संभाला है, भटका मैं राहों में जब सही मार्ग ...
मैं शब्दों की भीड़ में उसे ढूँढता रहा, वो निःशब्द, इक आवाज़ सा मुझे पुकार रहा था। मैं शब्दों की भीड़ में उसे ढूँढता रहा, वो निःशब्द, इक आवाज़ सा मुझे पुकार रहा थ...
तू भूल बैठा है मुझे ना जाने किसकी खातिर, तरसी है आंखे एक तुझे देखने की खातिर,।। तू भूल बैठा है मुझे ना जाने किसकी खातिर, तरसी है आंखे एक तुझे देखने की खातिर...
एक सच्ची घटना ने मेरे अंत करण को गहराई से प्रभावित किया! एक सच्ची घटना ने मेरे अंत करण को गहराई से प्रभावित किया!
एक मैं हूँ जिसे, अब भी ऐतबार है...! एक मैं हूँ जिसे, अब भी ऐतबार है...!